28 October 2012

इस जमीं का और कोई आसमां होगा.


मेरे पांव के तले की ये ज़मीं चल रही हे.... 

कही धुप ठंडी ठंडी, कही छाँव जल रही हे... 

इस जमीं का और कोई आसमां होगा....!!! 


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